ENTREPRENUERSHIP

9 बातें– जो हर Entreprenuer व्हाट्सएप कम्पनी की सफलता से सीख सकता है

बहुत ही कम ऐसी कंपनियां होती है जो खुद के फायदे से ज्यादा अपने Users के फायदे के बारे में सोचती है और इसी तरह की एक कंपनी है– व्हाट्सएप (WhatsApp Inc)

व्हाट्सएप जो कि अब फेसबुक इंक के under में काम करती है, दुनिया की उन चंद नामी कंपनियों में से एक है जिन्होंने एक छोटे से कमरे, चंद लोगों, थोड़े से पैसों के साथ शुरु होकर, अपने IDEA के सफल Execution के दम पर कम समय में ही सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है।


व्हाट्सअप की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि इस कंपनी ने खुद को एक करने के लिए कभी भी Advertising पर फालतू के पैसे खर्च नहीं किए या कहीं इसे अपने Ads देने की जरूरत ही नहीं पड़ी।


जरूरत ही नहीं पड़ी; क्यों?


क्योंकि इसे Use करने वाले लोग स्वयं ही इसका इतना ज्यादा प्रचार (Oral Promotion) कर लेते थे कि कंपनी को अपना प्रचार करने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी।


आपको याद है कि आपको पहली बार व्हाट्सएप के बारे में किसने बताया था?


किसी विज्ञापन (Ad) ने या फिर आपके किसी दोस्त या जान पहचान वाले व्यक्ति ने?


Of Course, आपके किसी जान-पहचान वाले व्यक्ति ने ही आपको व्हाट्सएप से पहली बार मिलवाया था। है ना?


लेकिन क्या हम हर चीज के बारे में अपने जान पहचान वाले लोगों को बताते हैं या उन्हें उसे Use करने की सलाह देते हैं।


नहीं ना?


असल में हम सिर्फ उसी चीज के बारे में लोगों को सलाह देते हैं जिससे हम सच में प्रभावित हुए होते हैं या फिर जिसे हम सच में Use करना पसंद करते हैं।


और Luckily व्हाट्सएप भी हम में से ज्यादातर लोगों की Favourite चीजों की List में शामिल है।


एक कंपनी का Perspective से देखें तो ऐसी कौन कौन सी चीजें हैं, जिन्होंने व्हाट्सएप को लोगों की जिंदगी का एक अभिन्न अंग बना दिया है।


पेश हैं ऐसी ही 9 बातें, जिन्होंने व्हाट्सएप को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने में X-factor का काम किया है–

 

 

🕵️ WHATSAPP QUICK FACTS:

   
• स्थापना (Estd)- Nov 2009

• संस्थापक (founders)- Brian Acton & Jan Kaum

• मालिक कम्पनी (Parent Co)- Facebook Inc (Feb 2014 से)

• उपयोगकर्ता (Users)- 1.9 अरब (Global)

• सबसे बड़ा अधिकारी (CEO)- Chris Daniels


• मुख्य्या्लय (HQ)- California, USA

• प्रतिद्वंदी (Competiters)- Hike, WeChat, Line, Skype, IMO, Telegram 

• Employees की संख्या- 50 (2017 में)


 

● 9 चीजें जिन्होंने व्हाट्सअप को सफलता के मुकाम पर पहुंचाया / 9 Things That Made WhatsApp Successful in Hindi

 

1)• लोगों की मदद की सच्ची भावना रखना (Having A Real Mission):

 

व्हाट्सअप के Co-founder जेन कौम (Jan Kaum) बताते हैं कि स्मार्टफोन रखने का चलन उस वक्त शुरु ही हुआ था, जब 2009 में उन्होंने एक iphone खरीदा। अब, जब भी वे रोजाना अपने रूटीन के हिसाब से Gym जाते तो अपना फोन घर पर ही छोड़ देते। लेकिन रोजाना जब वो जिम से घर वापस लौटते, तो देखते कि उन्हें पहले से ही कई लोगों के कॉल आ रखे होते थे, जो कि miss हो जाया करते थे।



इस परेशानी से खुद को और अपने जैसे ही कई सारे दूसरे लोगों को बचाने की लिए जेन कौम के दिमाग में एक idea आया। उन्होंने सोचा कि क्यों ना अपनी Programming Skill से एक ऐसा Application तैयार किया जाए, जिससे कि लोग अपने करीबी लोगों से जुड़े रह सके। साथ ही साथ STATUS फीचर के द्वारा उनके करीबी लोग यह भी जान सकें, कि अभी वे किस काम में busy हैं, जिससे उन्हें बेकार में परेशानी ना उठानी पड़े।

आखिर में जैन अपने इस आइडिया को लेकर अपने कुछ Programmer दोस्तों के पास पहुंचे और इस तरह उनके दोस्तों की सहमति से चल पड़ी WhatsApp की गाड़ी…


• व्हाट्सअप के शुरुआती दिनों (Nov 2009) में बना एक यूट्यूब वीडियो-

              • Courtesy- TypeZero3

इसके अलावा, व्हाट्सएप्प को बनाने के पीछे एक और भी कारण था। कारण यह था कि उस समय मोबाइल से SMS (Short Messaging Service) भेजने का SIM कम्पनियां काफी पैसा लेती थी, जिसकी वजह से लोग अच्छी तरह से Communicate नहीं कर पाते थे। लोगों को Telecom Companies की लूट से बचाने के लिए भी WhatsApp जैसे एप को बनाने की जरूरत पड़ी।


कोई भी कम्पनी जो लोगों की किसी बड़ी परेशानी को दूर करती है, उन कम्पनियों के मुकाबले ज्यादा सफल होती हैं, जो लोगों से ज़्यादा खुद के फायदे के बारे में सोचती हैं।



इसलिए अगर आप भी कामयाब होना चाहते हैं तो खुद से जरूर यह सवाल पूछें, कि मैं लोगों की या कहें Society की कौन- सी Problem को solve कर सकता हूँ। क्या मैं उन्हें हँसा सकता हूँ?क्या मैं उन्हें कुछ सिखा सकता हूँ या फिर उन्हें कोई facility avail करा सकता हूँ।


यकीन मानिए, जिस दिन आपको इस सवाल का स्पष्ट जवाब मिल जाएगा और आप उसके हिसाब से काम करने लग जाएंगे, उस दिन आप धीरे-धीरे ही सही मगर कामयाबी की राह पर अपने आप ही चलना शुरू कर देंगे। 👍


2)• अपनी Service को लगातार मजबूत बनाना (Strengthening Services):


दुनिया की लगभग हर सफल Organisation में एक बात Common होती है और वो बात होती है– अपनी Services को लगातार मजबूत बनाने की.


अपने पिछले Articles में हमने बात की थी फेसबुक और गूगल की सफलता के Points के बारे में। और इन दोनों कम्पनियों में जो बात common थी, Coincidently वही बात WhatsApp में भी मौजूद है।


आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, कि Nov 2009 में अपनी Launching के केवल एक महीने बाद ही यानी Dec 2009 में WhatsApp ने अपना पहला Update निकाला था और इस अपडेट के जरिये उसने लोगों को Photo Share करने का फीचर मुहैया कराया था।


इसके बाद Feb 2015 में Voice Call, Nov 2016 में Encryption, Nov 2017 में Video Call और Delete Sent Message, Feb 2017 में Story और Nov 2018 में Group Calling जैसे नए Features के अपडेट व्हाट्सअप ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए निकाले।


एक दशक का हो चुका WhatsApp आज भी उतना ही trend में है जितना 5 साल पहले हुआ करता है। कारण है– वक़्त के हिसाब से खुद को ढाल सकने में सक्षम हो पाना।


वक़्त बदलता है और इसके बदलने के साथ ही काम करने के तरीके भी बदलते हैं। क्या आपने काम करने का अपना तरीका (Modus Operandi) बदला है, खुद से यह सवाल जरूर कीजिये।


3)• चीजों को Simple और Easy रखना (Making Things Simple):


क्या कारण है कि आज व्हाट्सएप को कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी उतनी ही आसानी से Use कर पाता है जितनी आसानी से एक ज्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति?


कारण है– “इसका Simple और Easy-To-Use इंटरफेस.” 


व्हाट्सएप में कम ही सही लेकिन रोजाना की जिंदगी में काम आने वाले फीचर्स को इतनी अच्छी तरह से set किया गया है कि हर कोई थोड़ी-सी कोशिश करके उन्हें आसानी से चलाना सीख सकता है और यही कारण है जिससे व्हाट्सएप थोड़े-से वक़्त में ही जल्दी से दुनिया के कोने-कोने में मशहूर हो गया।


शायद आप यह जानते होंगे कि हाल ही में (April 2019) में गूगल की कम लोकप्रिय सोशल साइट गूगल प्लस (GOOGLE+) पूरी तरह से बंद हो चुकी है।


        » WATCH MORE TECH VIDEOS

यह सोशल वेब प्लेटफार्म बहुत ही कम मशहूर था, इतना कम कि शायद आपमें से कई लोगों ने कभी इसका नाम तक ना सुना हो। गूगल जैसी महाकम्पनी का Product होने के काऱण इसपे करीब 2 अरब लोगों के Accounts तो थे, मगर इसे असल में रोजाना Use करने वाले लोग गिने-चुने ही थे। और लोगों द्वारा इसे कम उपयोग करने का सबसे बड़ा कारण था– इसका Complex इंटरफेस और Boring फीचर्स.


व्हाट्सएप की सफलता और गूगल प्लस की असफलता हमें यह बताती है कि as a company हमें चीजों को आसान बनाना आना चाहिए अगर हम चीजों को आसान नहीं बना पाते तो हमारा कोई असली मूल्य नहीं रह जाता। इसलिए जितना हो सके, चीजों को आसान बनाने का प्रयास करें।

 

4)• टीम छोटी लेकिन मजबूत हो (Make Small But Strong Team ):


वर्तमान समय में गूगल में करीब 72,000 लोग (employees) फुल टाइम काम करते हैं। फेसबुक में यह आंकड़ा गूगल का करीब आधा यानी 35,000 है।



लेकिन क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि WhatsApp में वर्तमान समय में लगभग कितने लोग काम करते होंगे?


दस हज़ार? बिल्कुल नहीं!


पांच हज़ार? नहीं!


हज़ार? इतने भी नहीं!


पांच सौ? नहीं इससे भी कम!


आपको विश्वास नहीं होगा कि जिस WhatsApp को दुनिया में लगभग 2 अरब लोग रोज़ चलाते हैं, उसे सम्भालने के लिए उसके अमेरिका स्थित Headquarter में सिर्फ 55 लोग मौजूद होते हैं। सिर्फ पचपन!


यह होती है छोटी मगर Powerful टीम की ताकत.


इसके अलावा जब फरवरी 2014 में facebook ने व्हाट्सअप को खरीदा था, तो उस समय WhatsApp में सिर्फ 35 Full Time Employees थे। इसी कारण जब फेसबुक ने 19.3 बिलियन डॉलर (यानी 11 खरब रुपए)  में व्हाट्सअप को खरीदा, तो उन 35 में से हर व्यक्ति को करीब $500 मिलियन (यानी 28 अरब रुपए) मिले।


इसलिए टीम ऐसी बनानी चाहिए, जिसमे आपसी समझ हो, लोग एक दूसरे को समझते हैं और अपने काम के प्रति उनमें जज्बा हो। तभी साथ मिलकर ठीक तरह से आगे बढ़ा जा सकता है।


5)• फालतू के प्रचार से दूरी (Avoiding Advertisment):


अपने खुद के अनुभव से बताइए कि क्या आपने कभी व्हाट्सएप का कोई ऐड TV आप इंटरनेट देखा है जिसमें कहा गया हो कि व्हाट्सएप को download कीजिए और इसके द्वारा हर समय अपने करीबी लोगों से Connected  रहिए।


व्हाट्सअप fake news के मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने के लिए Ad Campaign तो करता है लेकिन आज तक शायद ही उसने कभी अपना प्रचार करने के लिए किसी प्लेटफार्म के माध्यम से अपना विज्ञापन दिया हो।


» विज्ञापनों से व्हाट्सअप की दूरी के mainly दो कारण हैं–


पहला कारण क्या है कि एक तो पैसे की तंगी कारण शुरुआत से ही इस कंपनी का मॉडल रहा है कि विज्ञापनों पर फालतू का पैसा खर्च करने के बजाए उस पैसे का use अपनी सर्विसेस को बेहतर बनाने में करना। 


और दूसरा मुख्य कारण है कि whatsapp को यूज़ करने वाले लोग इसकी बेहतर से  खुश होकर अपनी जान-पहचान वाले लोगों को भी इसे उपयोग करने के सलाह देने लगते हैं जिससे whatsapp का मुफ्त में मुंहजुबानी प्रचार (Oral Promotion) हो जाता है और कंपनी को अपने Ads देने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ती।


जो चीज़ें लोगों को पसंद आती हैं उनका लोग अपने आप ही बिना पैसा दिए भी प्रचार करने लगते हैं। यह इंसान का मूल स्वभाव है।


आप जो कुछ भी करते हैं चाहे आपका कोई ब्लॉग है या कोई YouTube Channel है आपके पास जितनी भी Audience है बस उन्हें ही संतुष्ट रखने की कोशिश करें। Growth अपने आप ही होती जाएगी।

6)• सिर्फ पैसा ही सबकुछ नहीं होता (Money isn’t Everything):


व्हाट्सअप आज पूरी तरह से FREE है, साथ ही यह इसके Users को Ads भी नहीं दिखाता है। व्हाट्सएप के फाउंडर ब्रायन एक्टन और जेन कॉम (Brian Acton & Jan Kaum) ने पैसे की भारी कमी से बावजूद कभी भी whatsapp पर विज्ञापन लगाने का फैसला नहीं दिया क्योंकि उन्हें पता था कि इससे लोगों का User Experience खराब हो सकता है जिससे लोग WhatsApp को चलाना बंद कर सकते हैं।


और यही वो फैसला था, जिस कारण व्हाट्सअप के User Network में जबरदस्त इज़ाफ़ा हुआ और इसे प्रयोग करने वालों की तादाद 40 करोड़ पार कर गई। जिसके कारण फेसबुक ने इसे रिकॉर्ड 19 अरब डॉलर्स में खरीदा।


इसलिए हमेशा जल्दी पैसा कमाने पर ध्यान न दें पहले अपनी Regular Audience बनाइये और उन्हें satisfied रखिए क्योंकि जब वो खुश रहेंगे तभी आप खुश रह पाएंगे।

 

7)• खुद को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करना (Establishing A BRAND):


आज हम यह नहीं बोलते हैं कि यह फोटो मुझे Facebook कर दे; Hike कर दे या फिर DM (Direct Message) कर दे बल्कि इसकी जगह हम बोलते हैं कि इसे मुझे Whatsapp कर दे. क्यो?


क्योंकि WhatsApp एक Brand बन चुका है, स्मार्टफोन रखने वाला करीब हर आदमी इसका use करता है और ऐसा बहुत ही कम होता है कि कोई आपसे कहे कि वह WhatsApp नहीं चलाता है।



ब्रैंड के रूप में वही चीज साबित हो पाती हैं, जो हर किसी के पास मौजूद होती है और जिनका हर कोई दिल से उसे करना पसंद करता है।



जरा सोचिए हम GOOGLE कर दे, ऐसा ही क्यों बोलते हैं। Yahoo कर दे, Bing कर दे या DuckDuckGo कर दे ऐसा क्यों नहीं बोलते हैं?


इसका कारण है कि गूगल हर प्लेटफार्म, हर ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) पर available है और साथ ही साथ यह प्रयोग करने में काफी आसान और अच्छा भी है। इसी कारण लोगों ने इसे अपने आप ही एक ब्रैंड बना दिया है।


ऐसा ही WhatsApp के साथ भी है। यह एप हर प्लेटफार्म पर  उपलब्ध होने के साथ-साथ use करने में भी आसान है। इसलिए यह ब्रांड के रूप में भर चुका है।


ब्रांड के रूप में उभरने के लिए हमें Omni-Channel Approach लेना होगा, तभी हम ऐसा कर पाने को सफल सकते हैं।

 

8)• लंबे समय के लिए सोचना (Long Term): 


व्हाट्सऐप ने आज तक कभी भी पैसे कमाने की बहुत ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखाई। उसकी हमेशा से ही पहली प्राथमिकता रही है–लोगों को अपने से जोड़ कर रखना और उनकी संख्या में लगातार इजाफा करना।


और आखिरकार हुआ भी यही!


व्हाट्सएप के Simple-Smooth इंटरफेस और बेहतरीन User Experience के कारण इसके Users की संख्या में लगातार वृद्धि हुई जिससे इसका User base बढ़ता गया और आखिर में WhatsApp के विशाल यूजर और डाटा बेस के कारण facebook की उस पर नजर पड़ी और फरवरी 2014 में उसने इसे 11 खरब रुपए में खरीद लिया। 


इसलिए जितना हो सके हमें जल्दी से फायदे के बारे में नहीं सोचना चाहिए। लंबे समय के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

 

9)• पैसे का सही जगह प्रयोग करना (Using Money Appropriately):

 

व्हाट्सअप के पास शुरुआती दिनों से ही पैसों की भारी कमी थी, जिस कारण As a company उन्हें पता था कि पैसे का सही उपयोग कहां और कैसे करना है?


इसके साथ ही अमेरिका की मशहूर कंपनी Sequolia Capitals ने भी whatsapp पर कुछ पैसे invest किए मगर उन्हें भी whatsapp ने फालतू के कामों में न खर्च करके अपने development के कामों पर खर्च किया।


जहां एक ओर कई कंपनियाँ अपनी आय का 50 फीसदी खर्च विज्ञापनों पर करती है वही दूसरी ओर Whatsapp ने विज्ञापनों पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया। इस बचे हुए पैसे का उपयोग उसमें अपनी Core Requirements को पूरा करने में किया, जिससे उसका User Experience और अच्छा हो गया और लोग उससे जुड़ते चले गए।


कहते भी है ना कि-


पैसा कमाने से बहुत ज़्यादा आसान काम है, पैसा बचाना.





इसलिए किसी भी Organisation को फालतू के कामों में पैसा खर्च करने के बजाय उसे जरूरत के कामों लगाना चाहिए, इससे संगठन आर्थिक रूप से मजबूत होता है, जो कि बहुत आवश्यक है।


 

ℹ️  AUTHORS’ ANGLE: 



व्हाट्सअप जैसी जमीनी कंपनी से एक उद्यमी के रूप में हम सैकड़ों बातें सीख सकते हैं। आप अपने फोन में मौजूद WhatsApp में जाकर खुद भी देख सकते हैं कि ऐसी कौन-कौन सी बातें हैं जो आपको उसका use करने के लिए मजबूर करती है और उन्हें भविष्य में अपने Ventures पर लागू कर सकते हैं।


तो ये थी वो 9 बातें जो हर उद्यमी व्हाट्सअप कम्पनी की सफलता से सीख सकता है/ 9 Things Every Entrepreneur Can Learn From  Success Of WhatsApp Inc.


उम्मीद करता हूँ, आज का यह Article आपको पसन्द आया होगा.


इस Post से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें नीचे Comment के माध्यम से बता सकते हैं। इसके अलावा, आप इस post को अपने उन दोस्तों के साथ Share कर सकते हैं, जो Entreprenuership और Internet जैसी चीजों को explore करना पसंद करते हैं. ☺️

 

 

Navin Rangar

Sometimes I code; sometimes i write about it. Mail your concerns, suggestions at navin@sochokuchnaya.com.

3 thoughts on “9 बातें– जो हर Entreprenuer व्हाट्सएप कम्पनी की सफलता से सीख सकता है

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