अगर मैं आपसे कहूँ कि आप बिना कोई Extra पैसा खर्च किये भी किसी जरूरतमन्द की मदद कर सकते हैं तो शायद आप विश्वास नहीं करेंगे। मगर यकीन मानिए यह पूरी तरह से मुमकिन है!
साल था 2014. अभय तिवारी अपनी 6-महीने की इंटर्नशिप के लिए रुड़की आए थे। वे बताते हैं कि उन्हें आए ज्यादा दिन नहीं हुए थे कि अपने वर्कप्लेस से 15 मिनट की दूरी पर उन्हें कुछ खास दिखाई पड़ा।
वहाँ पर एक टिपिकल सरकारी प्राइमरी स्कूल था जहाँ पर कुछ बच्चे बैठे थे। उनमें से एक ने अपने हाथ में कुछ पकड़ा था। अभय बताते हैं उन्हें पहली बार में लगा कि शायद वे आपस में किसी चीज से खेल रहे हैं; मगर जब वे उनके पास गए तो उन्हें काफी हैरानी हुई- “बच्चों के हाथ एक फटी हुई किताब थी जिसमें वे गणित के सवालों को हल कर रहे थे।”
बातों-ही-बातों में बच्चों ने बताया कि उनके टीचर बहुत कम स्कूल आते हैं जिस वजह से ज्यादातर वक्त उन्हें फटी हुई किताबों से ही पढ़ना पड़ता है।
हममें से ज्यादातर लोगों के पास ऐसी बहुत सारी किताबें होती हैं जिनका इस्तेमाल हम शायद ही कभी करते हैं। कैसा रहेगा अगर वे किताबें उन लोगों तक पहुंचा दी जाए जिनको उनकी सच में जरूरत हैं।
अभय ने अपने कॉलीग्स और खुद से कुछ किताबें इकट्ठी की और उन्हें जाकर बच्चों तक पहुंचा दिया। इसके बाद अगले कुछ वक्त तक वे पास के कई दूसरे प्राइमरी स्कूल्स में गए जहाँ की हालत पहले वाले से कुछ ज्यादा बेहतर नहीं थी।
इंटर्नशिप खत्म हुई। उन्हें वापस जाना था…
अभय करीब एक साल बाद वापस रुड़की लौटे। उन्हें उम्मीद थी कि उनकी पहल से कुछ बड़ा बदलाव जरूर आया होगा मगर ऐसा नहीं था।
अब तक अभय समझ चुके थे कि इस प्रॉब्लम को असरदार तरीके से अड्रेस करने के लिए बड़े स्केल पर काम करना जरूरी है। इसीलिए उन्होंने साल 2016 में “TomeKart.Com” के नाम से एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया।
“Tome” यानि “एक तरह की किताब” और “Kart” यानि “खरीदना”। इस प्लेटफ़ॉर्म की मदद से आप किताबें खरीद सकते हैं।
अगर आप दूसरे किसी e-commerce स्टोर से बुक्स खरीदते हैं तो उससे होने वाले Profit का सारा-का-सारा हिस्सा कंपनी को जाता है।
वहीं, TOMEKART की खास बात यह है कि अगर आप इससे “एक किताब” खरीदते हैं तो यह प्लेटफॉर्म “एक किताब” अपनी तरफ से एक जरूरतमन्द को दान कर देता है।
यानि टेक्निकली देखा जाए तो आप एक किताब खरीदने के साथ ही साथ एक किताब दान भी कर रहे हैं। है ना शानदार?
तो खरीदिए अपने पसंद की किताब और भागीदार बनिए इस शानदार मुहिम का।
अभी विज़िट कीजिए TomeKart.Com और चुनिये अपने पसंद की बुक और एक उनके लिए भी जो उसे अफोर्ड नहीं कर सकते!
ℹ️ AUTHORS’ ANGLE:
आपका कुछ खरीदने से होने वाला जो फायदा है वह अगर सही जगह जाए तो आप बिना किसी intention के भी किसी जरूरतमन्द की मदद कर सकते हैं। TomeKart इसमें आपकी मदद करता है।
तो दोस्तों यही था “टॉमकार्ट बुक्स प्लेटफ़ॉर्म/Books Buying Platform In Hindi” पर हमारी आज की पोस्ट। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं और आपका कोई सवाल हो तो उसे भी जरूर पूछें। हमसे facebook पर जुड़ें ताकि आपको नई post की update मिलती रहे।
Note- This is semi-sponsored content.
Knowledge full pos
Best way….but gov provide a books to that students requirements is only strictness .it's mean there school faculty not doing their work seriously so best way is also that we should check out as donar on time to time nd spent few hours wid them from this process u can know what's actual reason this distance of education .
Bdw best efforts .all d best .I will support in ur dream .it's match to my dream .
Awesome Article